Beautiful poem by - Harivanshrai Bachann.
�दाेस्ती...!
ना कभी इम्तिहान लेती है,
ना कभी इम्तिहान देती है ।
दाेस्ती ताे वाे है -
जाे बारिश में भीगे चेहरे पर भी,
आँसुओं काे पहेचान लेती है ।
Funny monsoon poem
तेरी गलीयो में ना रखेंगे कदम
आज के बाद•••••
कीचड़ बहुत हो जाता है बरसात के बाद ••
नहीं है फुर्सत घर से मंदिर
तक लोगो को आने की
और तम्मना रखते है सीधे
शमशान से स्वर्ग जाने की
बड़े नादाँन है वो लोग जो इस दौर में भी वफ़ा की उम्मीद रखते है
यहाँ तो दुआ कबूल ना हो तो लोग भगवान बदल
देते है.........!!""
आजकल सबसे ज़्यादा डर किससे लगता है ??????
A new person joining whatsapp...
साला सारे message, video, audio repeat करता है और उसको लगता है कि मार्केट में नया है.
अब उसको कौन समझाए कि नया तो तू है.
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